hanuman chalisa for Dummies
hanuman chalisa for Dummies
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व्याख्या – ‘राम लखन सीता मन बसिया’– इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि भगवान् श्री राम, श्री लक्ष्मण जी एवं भगवती सीता जी के हृदय में आप बसते हैं।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।
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Compared with the original Variation, Hanoman in the wayang has two young children. The first is named Trigangga who's in the shape of the white ape like himself. It is said that when he arrived home from burning Alengka, Hanoman experienced the picture of Trijata's face, Wibisana's daughter, who took treatment of Sita. Above the ocean, Hanuman's semen fell and caused the seawater to boil.
Acknowledging this, Tulsidas altered his strategy. He commenced the hymn by praising Lord Rama and requesting his blessings, while nevertheless honoring Hanuman in the rest of the verses. This fashion, he highly regarded Hanuman’s preference for Rama’s praise and produced a hymn that matched Hanuman’s humble mother nature.[33]
पवनदीप राजन द्वारा गाया हनुमान चालीसा
भावार्थ– आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया। इस कार्य से प्रसन्न होकर भगवान् श्री राम ने आपको हृदय से लगा लिया।
असुर निकन्दन राम दुलारे ॥३०॥ अष्टसिद्धि get more info नौ निधि के दाता ।
भावार्थ – आप सारी विद्याओं से सम्पन्न, गुणवान् और अत्यन्त चतुर हैं। आप भगवान् श्री राम का कार्य (संसार के कल्याण का कार्य) पूर्ण करनेके लिये तत्पर (उत्सुक) रहते हैं।
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व्याख्या – श्री शंकर जी के साक्षी होने का तात्पर्य यह है कि भगवान श्री सदाशिव की प्रेरणा से ही श्री तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा की रचना की। अतः इसे भगवान शंकर का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिये यह श्री हनुमान जी की सिद्ध स्तुति है।
श्री हनुमान आरती
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